पोषण – वेट और फैट मसला दोनों का है…

शारीरिक वजन व्यक्ति के पोषण, वृद्धि, और विकास के स्तर को जानने का सबसे प्रचलित पैमाना है। पर एक सामान्य वजन के व्यक्ति के शरीर में वसा की मात्रा सामान्य से ज्यादा या फिर सामान्य से ज्यादा वजन के व्यक्ति में वसा का स्तर निचली सीमा पर हो सकता है । शरीर में वसा का असंतुलन चाहे वो निर्धारित सीमा से ऊपर हो या नीचे; पोषण, सेहत और स्वस्थ्य से सीधा सम्बंध रखता है…

एक आमजन के लिए सही पोषण, शारीरिक वृद्धि और विकास का पैमाना उसकी लम्बाई – चौड़ाई होती है। अगर व्यक्ति उस समाज या समुदाय के औसत शारीरिक ढांचे के समान होता है तो उसे सही वृद्धि और विकास के स्तर पर रखा जाता है। इस पैमाने से बहुत ऊपर या नीचे होने पर ही उसे असमान्य माना जाता है और तब हम व्यक्ति के वजन पर भी ध्यान देते हैं। पर आज – कल जब कुपोषण अपने पाँव फैलाये हुए है; मोटापे से संबन्धित बीमारियां हृदय रोग, मधुमेह आदि आम बात हो गयी है; तो क्या इस पैमाने में कुछ फेरबदल जरूरी हैं? यहाँ हम सीधे तौर पर लंबाई – चौड़ाई और वजन की बात करते हैं जो वास्तव में शारीरिक संगठन से जुड़ा हुआ है। इसलिए आगे भी हमें इन पर ध्यान तो देना है, पर इसका दायरा थोड़ा बढ़ाना होगा और शारीरिक संगठन के पक्षों को भी शामिल करना होगा। आइये जानते हैं क्यों…

To Read Full Article : http://amikachitranshi.com/poshan-kuposhan/

Leave a comment